बुरा बस वक़्त चल रहा है
यह भी थम ही जाएगा
हां महामारी का समय है
गुजर सा जाएगा
लोग कुछ तड़प रहे
कुछ घर में डरे बंद है
इस नई बीमारी से
यहां हर कोई तंग है
लोगो की जान ये
नई बीमारी ले रही है
ये एक दशा है
जो सच्चाई कह रही है
गलती है हमारी कुछ
कुछ कुदरत का दस्तूर है
हमने लिया मज़ाक में
ये हमारा कसूर है
खो दिया कई लोगो ने
अपने अपनो को इसमें
इलाज़ मिल नहीं रहा
इसी बात का अफसोस है
आना जाना खाना पीना
सबने रोक टोक है
इन दिनों तो हाथ मिलाना
गले लगाने पे भी शोक है
अपनो से दूर कर रही
ये कोरोना नाम की बीमारी है
हम मजबुर है घरों मै
हमारी भी लाचारी हैं
कुछ उपाय कुछ बचाव
इतना ही कर सकते है
हम बचेंगे या नहीं
ये भगवान ही कह सकते है
धेरय रखो, रखो सबर
सब सही होगा
जो चाहा है खुदा ने
आखिर वहीं होगा।।
Creation by - Muskan Shah
Instagram Id - the_unpublished.ink
0 Comments:
Post a Comment