बस बिखर गया है अब,
तुझसे दिल नहीं भरा,
पर हिम्मत नहीं है अब,
तूने तोड़ कर रख दिया,
मेरे सारे अरमानों को,
हालात बताए थे तुझे,
जो ना दिखाए कभी ज़माने को,
तुझपे भरोसा मुझे,
खुदा से भी ज्यादा था,
नज़ाने क्यों तेरी आंखों का,
झूठा रंग तब सादा था,
तू तो कहता था ना हमेशा,
की देगा मेरा साथ,
फिर क्या हुआ ऐसा,
कब बदल गए हालात,
रुख मोड़ के,
हाथ जोड़ के,
दिया था ना मैंने साथ,
ज़माने को छोड़ के,
फिर तू क्यों निकला फरेबी,
तूने क्यों जग में अपनी गिनती करवाई,
मै मानती थी तुझे अपना,
फिर तूने क्यों मेरी आंखें नीचे करवाई,
अब दोबारा में वो विश्वास कर नहीं पाऊंगी,
किसी और को सच सारे बोल नहीं पाऊंगी,
हां रखूंगी रिश्ते मै कुछ लोगो से,
पर रिश्तों पे विश्वास अब तोलती चली जाऊंगी।।
Creation by Muskan Shah
Instagram Id - the_unpublished.ink
0 Comments:
Post a Comment